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Disease Name in Hindi-English - मनुष्य में होने वाले रोगों के नाम

Disease Name in Hindi-English - मनुष्य में होने वाले रोगों के नाम

हेलो दोस्तों में आज फिर आपके लिए एक अमहत्वपूर्ण जानकारी को आपके सामने लेकर आ रहा हु , इस लेख में हम आपको Disease Name in Hindi-English - मनुष्य में होने वाले रोगों के नाम से सम्बंधित सभी जानकारी को इस लेख में देखेंगे जिससे यह लेख आपको किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की द्रष्ट्री से बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगा .

Disease Name in Hindi-English - मनुष्य में होने वाले रोगों के नाम

मानव शरीर के प्रमुख रोग और प्राभावित अंग 

  • काला अजार   - रुधिर हस्ती मंजा
  • छाले होना       - गला मुंह
  • रिकेटस रोग    - हड्डियां
  • टायफाइड       - आंत
  • निमोनिया        - फेफड़े 
  • अतिसार          - आंत का अग्रभाग 
  • दस्त                - बड़ी आंत
  • हेपीटाइटिस बि - यकृत 
  • प्लेग                 - फेफड़ा, लाल रक्त कणिकाएं
  • पार्किसन          - मस्तिक
  • डिपिथियीय       - गला, श्रास नली
  • आर्थसाइट्स      - जोड़ो की सूजन
  • काली खासी       - श्वास नली 
  • प्लूरिसी              - छाती
  • हैजा।                - छाती
  • गलसुआ            - थायराइड
  • पीलिया              - यकृत 
  • टिटनेस               - कोढ़, रेबीज , मिर्गी , पोलियो , - तंत्रिका तंत्र
  • रिकेट्स             - हड्डियां
  • क्षय रोग             - फेफड़ा
  • गठिया                - जोड़ो 
  • स्कर्बी , पायरिया - दांतो और मसूड़ों 
  • पोलियो               - पैर 
  • निमोनिया            -, टी वी - फैफडा
  • पक्षपघात             - तंत्रिका तंत्र 
  • एटिटिस                - कान 
  • मलेरिया               - तिल्ली
  • पीलिया                  लिवर 
  • मधुमेह                - गुर्दे , आंखे 
  • अस्थमा                 ब्रोकिन्याल स्नायु 

मानव रोग संबंधित जनकारी

  • मानव शरीर में सूक्ष्म जीव जो रोग उत्पन्न करते हैं उसे पैथोजन कहते हैं 
  • मानव शरीर में रोगों का अध्ययन करने को पैथोलॉजी कहते हैं

टाइफाइड या मोती जीरा - 10 बीमारियों के नाम और लक्षण

  • टाइफाइड से प्रभावित अंग आंत या पाचन तंत्र है
  • मानव शरीर में टाइफाइड दूषित जल के कारण फैलता है
  • इसका प्रमुख कारक सालमोनेला टाइफी है
  • टिका - TAB / O. T . V 
  • टेस्ट विडाल टेस्ट

टी. बी / तपेदिक रोग 

  • इस रोग से प्रभावित अंग फेफड़ा और श्वास नली है
  • यह प्रमुख वायु के माध्यम से रोग होता है
  • इसका प्रमुख कारण माइक्रो बैक्टीरिया ट्यूबर
  • टिका - TAS 

परट्यूसीस / काली खांसी

  • इससे प्रभावित अंग से पढ़ा और श्वास नली है
  • यह वायु के माध्यम से रोग होता है
  • Iska Pramukh karak himoshilas hai
  • इसका प्रमुख टीका DTP है।

डिपिथिरीय / रोहिणी

  • इससे प्रभावित अंग गला है
  • यह कच्चा दूध के कारण होता है
  • इसके प्रमुख कारक कोरिने बैक्टीरिया डिप्थीरिया
  • इसका प्रमुख टीका DTP है।

कोढ़ / कुष्ठ रोग 

  • इस रोग से प्रभावित अंग त्वचा तांत्रिका और कोशिका है
  • यह रोग वायु के माध्यम से फैलता है
  • इसका प्रमुख कारक माईको बैक अरियम है 
  • इसका प्रमुख टीका MDT है

हैजा / कोलेरा

  • रोग से प्रभावित अंग आंत या स्वांश तंत्र है
  • यह प्रमुख निर्जलीकरण के कारण होता है
  • इसका प्रमुख उपाय या टीका ORS है

प्लेग

  • इससे प्रभावित अंग रुधिर वाहिनी या है
  • यारों चूहे पर पाए जाने वाले पैसों से होता है

निमोनिया

  • इस रोग से प्रभावित अंग फेफड़ा या स्वांस तंत्र है।
  • यह रोग वायु के माध्यम से होता है

विषाणु से फैलने वाले रोग 

डेंगू या हड्डी तोड़ बुखार
  • इस से प्रभावित अंग यकृत है
  • यह मुख्यता एंडीज मच्छर के काटने से होता है 
  • इसका टेस्ट हम मुख्यत taarkit का प्रयोग करें
चिकन गुनिया 
  • प्रभावित अंग यकृत है
  • यह एनडीज मंछर के काटने से होता है।

प्रमुख मानव रोग लक्षण एवं उपचार

आंत ज्वार 

यह बीमारी सालमोनेला ताइफोसा,, जीवाणु से यह बीमारी होती है इसमें हाथ का बुखार आता है यह रोग पानी की गंदगी से फैलता है इसमें रोगी को बहुत तेज बुखार रहता है और सर दर्द बना रहता है।

इसके प्रमुख उपचार

व्यक्ति को मल मूत्र निवास स्थल से दूर करना चाहिए भजन को मक्खियों से बचना चाहिए इसकी चिकित्सा के लिए क्लोरो सिटिसिनिक औषधि का उपयोग करना चाहिए।

तपेदिक या राज्यक्ष्मा

इस रोग को काक रोग भी कहते हैं यह एक संक्रामक रोग है यह रोग मेंईक्रोविक्टिम नामक जीवाणु के कारण यह रोग होता है
यह रोग जीवाणु मुंह के थूकते समय होता है। नाना भूख की कमी शक्ति और वजन में कमी होना पाचन और तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी आदि होना।

इसके उपचार।

इसके रोग के उपचार के लिए एस्ट्रोमायकिन का इंजेक्शन दिया जाता है  और इसके साथ बी . सी . जी का टीका लगता है।

हैजा रोग 

यह रोग मुख्यता बिब्रियो कालेरा  नामक जीवाणु के कारण होता है यह  रोग मक्खियों के द्वारा फैलता है । इस रोग के कारण रोगी के शरीर में जल की कमी हो जाती है और रक्त का संचार धीमा पड़ने लग जाता है और उल्टी दस्त के साथ शरीर का सारा जल निकल जाता है जिसके कारण प्यास बहुत लगती है।

उपचार

भेज का टीका लगवाना चाहिए पानी को उबालकर पीना चाहिए पीने के पानी को उष्णकटिबंधीय लाइन क्लोराइड अथवा क्लोरोजोन से शोधित करना चाहिए।

डिप्थीरिया।

यह रोग  कॉलोनी बैक्टेरियम डिप्थीरी नामक जीवाणु से होता है इस रोग में गले में झल्ली बन जाती है
 और श्वास रोधक होता है जिससे रोगी की मृत्यु हो जाती है या रोगाधिकार संक्रमित दूध के माध्यम से फैलता है इस रोग में जीवाणु रोगी के बुखार और वमन आदि के माध्यम से बाहर निकलता है 

 उपचार 

डी. पी. टी (  डिप्थीरिया एंटी टाक्सिन ) काठी का लगवाना चाहिए एवं सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए रोगी के उपयोग में लिए  गए कपड़ों को भी संक्रमित कर देना चाहिए तथा रोगी की नाक और मुंह को पोटेशियम परमानेंट के गोल से धो देना चाहिए 




हेलो दोस्तों हमने इस लेख में हमने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को लेकर आया हु इस लेख के माध्यम से आप बहुत सी वीमारी के लक्षण और उनके उपाय से सम्बंधित सभी जानकारी को देखेंगे .Disease Name in Hindi-English मनुष्य में होने वाले रोगों के नाम मानव शरीर के प्रमुख रोग और प्राभावित अंग 10 बीमारियों के नाम और लक्षण निमोनिया से सभी जानकारी को देखेंगे 

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