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वीरांगना रानी दुर्गावती

वीरांगना रानी दुर्गावती - veerangana rani durgavati

हेलो दोस्तों में अनिल कुमार पलाशिया फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण लेख को लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको वीरांगना रानी दुर्गावती - veerangana rani durgavati से सम्बंधित जानकारी को देखेंगे .

वीरांगना रानी दुर्गावती


वीरांगना रानी दुर्गावती

भारतीय इतिहास का गौरव रानी दुर्गावती जो की महोबा की चंदेल वंशी राजकुमारी जिनका विवाह गोंड शासक दलपत शाह से हुआ पुत्र वीर नारायण की संघर्ष दुर्गावती में गड़ा मंडला का शासन संभाला रानी की कीर्ति और रानी का इतिहास बहुत ही सम्रध शील रहा है


मुगल दरबारी अबुल फजल ने आईने अकबरी में अंकित किया की गोंडवाना इतना समृद्ध शील राज्य था कि प्रजा बहुत ही रानी का सम्मान करती थी उनका राज्य इतना समृद्ध शील था की रानी के राज्य में प्रजा भी कर सोने की मुहरो से चुकती थी

रानी दुर्गावती का शासन 

रानी दुर्गावती का शासन काल 1550 से 1564 तक गणराज्य की शासिका महारानी थी उनका विवाह गणराज्य के राजपूत राज्य दलपत शाह से हुआ था जिसे गोंड राजा संग्राम शाह ने गोद लिया था उन्हें मुगल साम्राज्य के खिलाफ अपने राज्य की रक्षा के लिए याद किया जाता है

रानी दुर्गावती का जन्म 

  • रानी दुर्गावती का जन्म महुआ साम्राज्य के राजपूत महाराज कीर्ति वर्मन द्वितीय चंदेल है
  • रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर 1524 को कालिंजर के किले में इनका जन्म हुआ था
  • 1542 में उनकी शादी दलपत शाह से हुई जो गडा साम्राज्य के गोंड राजा संग्राम शाह के दत्तक पुत्र थे
  • महुआ के चंदेल और गोंडवाना इस विवाह के माध्यम से सहयोगी बन गए
  • अबुल फजल समकालीन ग्रंथ अकबरनामा के अनुसार गोंडवाना के गोंड राजा संग्राम शाह जो निसंतान थे उनके एक कर्मचारी कछुआ राजपूत गोविंद दास को अपनी पुत्री को महल में बच्चों को जन्म देने के लिए मना लिया बच्चा होने के बाद संग्राम शाह को सौंप दिया


वीरांगना रानी दुर्गावती


रानी दुर्गावती का जीवन परिचय 

क्र.

जीवन परिचय 

रानी दुर्गावती 

1.

नाम

रानी दुर्गावती

2.

जन्म

5 अक्टूबर सन 1524

3.

जन्म स्थान

कालिंजर किला (बाँदा, उत्तर प्रदेश)

4.

पिता

कीरत राय

5.

पति

दलपत शाह

6.

संतान

वीर नारायण

7.

धर्म

हिन्दू

8.

प्रसिद्धी

गोंडवाना राज्य की शासक, वीरांगना

9.

मृत्यु

24 जून 1564

10.

कर्म भूमि

भारत

11.

विशेष योगदान

अनेक मंदिर, मठ, कुएं और  धर्मशालाएं बनवाई

12.

मृत्यु स्थान

महाराष्ट्र


रानी दुर्गावती का  शासन 

  • रानी एक महिला होने के कारण आस पड़ोस के राज्य ने रानी के राज्य पर हमला किया .
  • रानी ने उस आक्रमण का बहुत ही तेजी से प्रतिकार किया
  • सरोज के शासन व तत्पश्चात मालवा के बाज बहादुर को मैदान-ए-जंग में बुरी तरह हराया .
  • राज्य की समृद्धि की ख्याति दूर तक फेलती गई
  • आसिफ खान ने 1564 में गोंडवाना के किले का घेराव किया वह जबरदस्त जंग के बाद अपनी पराजय को सुनिश्चित देख रानी ने स्वयंलीला समाप्त कर ली स्वतंत्रता के लिए रानी का आत्म सर्ग किया .

रानी दुर्गावती का किला


रानी दुर्गावती के गोंडवाना राज्य का शासन बनने के बाद उन्होंने अपनी राजधानी सिंगोरगढ़ किला जो कि वर्तमान के दमोह जिले के आसपास संग्रामपुर में है जो चौरागढ़ किला जो कि वर्तमान में नरसिंहपुर जिले के पास स्थित गढ़वाड़ा में है उन्होंने अपने राज्य को पहाड़ियों जंगलों और नालों के बीच स्थित कर उसे एक सुरक्षित जगह बना ले । अपने राज्य में कई मंदिरों भवनो और धर्मशालाओं का निर्माण किया उस समय उनका राज बहुत ही समृद्ध और संपन्न माना जाता था।

रानी दुर्गावती का युद्ध 

1;- शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद 1556 में शुजात खान ने मलवा को अपने अधीन कर लिया क्योंकि शेरशाह सूरी का बेटा बाज बहादुर कला का एक महान संरक्षक था और अपने राज्य का पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया वह रानी दुर्गावती के राज्य में जब उसने आक्रमण किया तो रानी ने बड़ी वीरता से उसे युद्ध से भागने से मजबूर कर दिया था


2;-सुजात खान ने रानी दुर्गावती के राज्य पर हमला किया यह सोचकर कि वह एक महिला है उसका राज्य आसानी से छीना जा सकता है किंतु उसका उल्टा हुआ आधारित दुर्गावती युद्ध जीत गई और युद्ध जीतने के बाद उन्हें देशवासियों द्वारा सम्मानित किया गया और उनकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई राय दुर्गावती का राज बहुत ही संपन्न था



वीरांगना रानी दुर्गावती


रानी दुर्गावती और मुग़ल साम्राज्य 

अकबर के एक सूबेदार ख्वाजा अब्दुल मजीद जिसे आसफ खान के नाम से जाना जाता था उसकी नजर रानी दुर्गावती के राज्य पे थी उसे समय रानी दुर्गावती का राज रीवा और मालवा की सीमा को छूने लगा था रीवा असफ खान के अधीन था और मालवा अकबर की मह्मंगा के पुत्र आदम खा के अधीन था असफ खा ने रानी दुर्गावती के खिलाफ अकबर को बहुत उकसाया और अकबर भी उसकी बातों में आकर रानी दुर्गावती के राज्य को हड़प कर रानी को हराने के लिए सेना को भेजा

रानी दुर्गावती के नाम पर योजनाये

बड़ेला ग्राम जबलपुर पर समाधि निर्मित की गई समाधि स्थल का अनावरण 24 जून 1964 को प्रदेश के तात्कालिक मुख्यमंत्री पंडित द्वारिका प्रसाद मिश्र ने किया गोंड वाला की लड़की लड़की नहीं संग्राम की कीर्ति दुर्गावती के साहस व बलिदान की गाथा इतिहास में उन्हें फ्रांस की जून ऑफ अर्थ व झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के समक्ष स्थान दिलाता है

सरकार के दुवारा चलाई गई योजना

1;- रानी दुर्गावती का सम्मान में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1983 में जबलपुर में विश्वविद्यालय को उनकी याद में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का नाम कर दिया गया

2;- भारत सरकार ने रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु 24 जून 1988 में उनकी मौत के दिन डाक टिकट जारी की

3;- रानी दुर्गावती की जबलपुर और मंडल के बीच स्थित बरेला में उनके समाधि बनाई गई

4;- बुंदेलखंड में राज दुर्गावती कीर्ति स्तंभ रानी दुर्गावती संग्रहालय एवं मेमोरियल नारायण दुर्गावती अभ्यारण भी बनाया गया।

5;- जबलपुर में मदन मोहन किला स्थित है जो की राज दुर्गावती का उनकी शादी के बाद निवास स्थान था

FCQ 

Q ;- 1 रानी दुर्गावती किस वंश की थी

ANS ;- रानी दुर्गावती चंदेल वंश की थी


Q ;- 2 रानी दुर्गावती के पति का नाम क्या था

ANS ;- रानी दुर्गावती के पति का नाम दलपत शाह था


Q ;- 3 राज दुर्गावती बलिदान दिवस कब मनाया जाता है

ANS ;- राज दुर्गावती बलिदान दिवस 24 जून को मनाया जाता है


Q ;- 4 रानी दुर्गावती की मृत्यु कब हुई थी

ANS ;- 24 जून 1564 में राज दुर्गावती की मृत्यु हुई थी


Q ;- 5 राज दुर्गावती कहां की रानी थी

ANS ;- रानी दुर्गावती गोंडवाना साम्राज्य की रानी थी


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मध्य प्रदेश का सामान्य ज्ञान

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