भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणियां एवं पहाड़ियों के नाम
हेलो दोस्तों में आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को आपके सामने लेकर आ रहा हु इस लेख में हम आपको सभी जानकारी देंगे , जो किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है यह लेख भारत की किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणियां एवं पहाड़ियों के नाम BHARAT KE PRAMUKH PARVAT SHRENIYA AEVM PAHADIYA KE NAAM सभी जानकारी को देखेंगे
भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणिया
काराकोरम पर्वत श्रेणी
यह पर्वत श्रेणी जम्मू-कशमीर में स्थित भारत की सबसे ऊंची पर्वत श्रेणी है या भारत का सर्वोच्च पर्वत शिखर गॉडविन ऑस्टिन K2 इसी में स्थित है यह नवीन मोड दार पर्वत है । जिनमें अरेबियन कार्बोनिफरस तथा यासीन युगों की चट्टाने पाई जाती है। विश्व के अनेक विशालतम हिमनद इसी श्रेणी में पाए जाते हैं
लद्दाख श्रेणी
यह जम्मू कश्मीर राज्य की लद्दाख प्रदेश में काराकोरम के दक्षिण में स्थित ट्रांस हिमालय का भाग है जो 300 किलोमीटर की लंबाई में पश्चिम से पूर्व की ओर विस्तृत है इसमें बंजर चट्टाने हैं जिन पर वृक्षों की कमी पाई जाती है यहां मंगोल प्रजाति के बौद्ध धर्म के अनुयाई भी रहते हैं।
जास्कर श्रेणी
यह लद्दाख श्रेणी के दक्षिण एवं महान हिमालय के उत्तर में स्थित नवीन मोड़ दार पर्वत है सिंधु नदी घाटी लगदा क्यों जांच कर श्रेणियों के मध्य में स्थित है भारत का सबसे ठंडा स्थान द्रास श्रेणी में स्थित है
भारत की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं|
पीर पंजाल श्रेणी
पीर पंजाल श्रेणी जम्मू को कश्मीर घाटी से अलग करती है । इसके कुछ शिखर 10000 फुट से अधिक ऊंचे हैं जवाहर सुरंग इस पर्वत श्रेणी में स्थित है
धौलाधार श्रेणी
जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश में विस्तृत है जो मध्यम और लघु हिमालय का एक भाग है इसका दक्षिण भारतीय जबकि उत्तरी ढाल मंद है हिमाचल प्रदेश के अनेक पर्यटक स्थल इसी श्रेणी में स्थित है।
शिवालिक श्रेणी
हिमालय की सबसे दक्षिणी एवं नवीनतम श्रेणी है शिवालिक श्रेणी में नीचे और समांतर पहाड़ियां है जो व्रहत हिमालय से लाए गए अवसादो से बनी होती है इसमें प्राय स्खलन की समस्या उत्पन्न होती है शिवालिक श्रेणी और मध्य हिमालय के बीच चोडी-चोडी घटिया विश्रित है जिन्हें पश्चिम में दून और पूर्व में दुआर कहते हैं यह एक नवीन वलित श्रेणी है ।
मैकल श्रेणी
यह अमरकंटक पठार के पूर्वी भाग को मेघा सेंड करते हैं जिसके सहारे छत्तीसगढ़ का मैदान है अमरकंटक का सर्वोच्च शिखर है लाल सैनी से महानदी सोन और नर्मदा का उद्भव होता है या अनेक जनजातियों का आवास क्षेत्र भी माना जाता है विशेष रूप से यहां पर गोंड का निवास स्थान है
विंध्याचल पर्वत श्रेणी
यह विंध्याचल पर्वत मालवा पठार के दक्षिण से आरंभ होकर पूर्व की ओर मध्यप्रदेश में फैली हुई है । यात्री भारत को दक्षिण भारत से अलग करती है चूना पत्थर लाल बलुआ पत्थर बहुमूल्य एक भ्रंशीय पर्वत है
सतपुड़ा पर्वत श्रेणी
यह विंध्याचल के दक्षिण में नर्मदा तथा ताप्ती नदियों के बीच में स्थित या सतपुड़ा पर्वत श्रेणी है यह एक ब्लॉक पर्वत है जिसक सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है यह पश्चिम में राजपीपला पहाड़ी से प्रारंभ होकर महादेव मेंकाल श्रेणियों द्वारा छोटा नागपुर के पठार तक विस्तृत है
खांसी की पहाड़ियां
यह मेघालय के पठार का मध्य भाग मेघालय पठार का सर्वोच्च स्थान खांसी की पहाड़ी में स्थित है मेघालय की राजधानी नगर तथा संसार में सबसे अधिक वर्षा रिकॉर्ड करने वाले शिलांग विलियमनगर नोंगपोह चेरापूंजी तथा मासिनराम स्थान खांसी पर्वत श्रेणी में स्थित है।
जयंतिया की पहाड़ियां
यह जयंती की पहाड़िया मेघालय के पठार मैं स्थित है भारत के सर्वाधिक वर्षा के स्थानों में से यह एक ही यहां जयंतिया जनजाति रहती है और झूम खेती करती है यह कहती जंगल जलाकर की जाती है।
रग्मा हील
असम में विस्तृत है या नवीन वाली श्रेणी है या पूर्वी हिमालय का ही भाग माना जाता है इस पर बांस एवं ताल वृक्ष भी भरमार है इसके डालो पर अनेक जनजातियां रहती है।
बैरल हिल
असम एवं मणिपुर की सीमा पर विस्तृत है इसकी आधार में आर्यन प्रकार की चट्टाने पाई जाती है यह बांस एवं घाटों से ढकी हुई होती है इस पर अनेक नागा जनजातियों के लोग रहते हैं जो जंगलों को काटकर झूमिंग की खेती करते हैं।
पटकाई बूम
यह अरुणाचल प्रदेश के छांगलांग जिले में विस्तृत है यह नवीन वलित पर्वत श्रेणी है यह हिमालय का पूरी विस्तार है बांस चीड़ साल और सागोन के वृक्षों से ढकी इन पहाड़ियों में बहुत से जनजातियों का निवास स्थान है जो वहां झूमिंग कृषि करते हैं इस की सबसे ऊंची चोटी 1410 मीटर मानी जाती है
नालगोंडा हिल
आंध्र प्रदेश के गुंटूर तथा प्रकाशन जिलों में फैली है जो पूर्वी घाट का एक भाग है इसके निचले भागों में कुडप्पा क्रम किसे नेपाल जाती है इसमें लोहा मैनिकबाग साइलेंट भी पाया जाता है यह संघन वनों से ढका हुआ क्षेत्र हैडा हिल
आंध्र प्रदेश में विस्तृत पालकोड़ा हिल है। जो पूर्वी घाट का एक भाग इसमें धातु तथा अधातु खरीदी का भडार पाया जाता है
इसके दलालों पर संगठन पाए जाते हैं इस पर अनेक जनजातियों का आवास भी पाया जाता है बड़ी संख्या में जनजातीय इस पहाड़ी के ढालो पर आदिवासीत थे
पंचायलमाई की पहाड़ी
यह तमिलनाडु में विस्तृत जो पूर्वी घाट का एक भाग है इससे कूलर एवं कैलेंडर नदिया पाती है मानसूनी वालों से ढकी हुई या पहाड़ी रहती है वह लीग नाइट किस्म का कोयला भी पाया जाता है
जावेदी और शिवराय हिल
यह तमिलनाडु पूर्वी घाट का एक भाग है इससे आर्कियन चट्टानों में पाए जाते हैं इससे आर्यन युग की परिवर्तित चट्टानों में धातु खनिज पाए जाते हैं एलुमिनियम का एक बड़ा स्त्रोत भी यहां पर दिखाई देता है खनन एवं जंगल का देने के कारण क भारी क्षति पहुंची है
हरिश्चंद्र की पहाड़ियां
यह पश्चिम घाट का एक भाग है जो महाराष्ट्र में पुणे के उत्तर में विस्तृत है या श्रेणी कृष्णा और गोदावरी के मध्य जल विभाजन का काम करती है यह लावा से बनी पहाड़ी है इसके आसपास के क्षेत्रों में एवं डालो पर औद्योगिकरण एवं नगरीकरण के कारण पर्यावरण की क्षति पहुंची है
पोरहाट की पहाड़ियां
झारखंड के रांची पठार के पूर्व में स्थित है जिसको आर्यन काल अभ्रक लाइमस्टोन आदि यहां पर पाया जाता है जो जमशेदपुर राउरकेला बोकारो जैसे औद्योगिक केंद्रों को भेजा जाता है
खोंडोलाईट श्रृंखला
यह पूर्वी घाट की एक भुजा जो उत्तरी पूर्वी आंध्र प्रदेश तथा उड़ीसा के दक्षिण पश्चिम में विस्तृत है इसमें कम प्रकार का इमारती पत्थर पाया जाता है।
बालाघाट श्रेणी
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर अवस्थित एक पर्वत श्रेणी है इस पर्वत श्रेणी में मैंगनीज मैग्नेटाइट पायराइट डोलोमाइट चूने के पत्थर के विशाल भंडार है जंगल काटने के कारण परिस्थिति में भारी क्षति पहुंची है।
चंपानेर श्रृंखला
यार गुजरात में बड़ोदरा के निकट विस्तृत अरावली पर्वत का विस्तार है इसमें क्वार्टर साइड प्लेट की बहुल का पाई जाती है इमारती हरा पत्थर और संगमरमर भी मिलता है खनन के कारण पर्यावरण की समस्या उत्पन्न होने लगी है
कैमूर की पहाड़ियां
मध्यप्रदेश के बघेलखंड में फैली यह पहाड़ी बिंदिया पर्वत की एक भुजा है इसकी औसत ऊंचाई 350 मीटर है या सोन नदी के समांतर फैली हुई है इनसे इमारती पत्थर प्राप्त किया जाता है।
गिरनार की पहाड़ियां
यह गुजरात के काठियावाड़ में स्थित कटी छठी पहाड़ियों का समूह जो एशियाई बब्बर शेर की शरण स्थली मानी जाती है इन पहाड़ियों पर क्रिस्टलीय युग की लावा करते फैली हुई है सागर तल से इसकी औसत ऊंचाई 500 मीटर है
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Q ;- 1 भारत और म्यांमार के बीच की सीमा रेखा को क्या कहते हैं।
ANS ;- भारत और मायमार के बीच अलीगढ़ सीमा रेखा बनाई गई है
Q ;- 2 हमारे देश की सीमा कितनी है
ANS ;- भारत की कुल भूमि क्षेत्र 32.87 लाख वर्ग किलोमीटर है।
Q ;- 3 दुनिया में कुल कितने देश हैं।
ANS ;- 193 देश जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त है।
Q ;- 4 भारत के कितने भागो में पर्वत है
ANS ;- भारत के कुल भाग 10.6 प्रतिशत भाग पर पर्वत है
Q ;- 5 भारत के कितने प्रतिशत भाग पर पहाड़ी है
ANS ;- भारत के कुल 18.5 प्रतिशत भाग पर पहाड़ी है
Q ;- 6 भारत का प्राचीन पर्वत कोन सा है
ANS ;- भारत के प्राचीन पर्वत अरावली पर्वत है
Q ;- 4 वर्तमान भारत में सबसे उची चोटी कोन सी है
ANS ;- कंचनजंघा
Q ;- 5 वर्तमान में भारत की सबसे ऊँची चोटी कोन सी है
ANS ;- वर्तमान भारत में सबसे ऊँची चोटी कंचन जंघा है
Q ;- 6 कंचनजंघा कहा स्तिथ है
ANS ;- यह चोटी सिक्किम राज्य में भारत और नेपाल की सीमा पर स्थापित महान हिमालय में स्तिथ है
Q ;- 7 भारत की सबसे ऊँची चोटी k2 की उंचाई कितनी है
ANS ;- 8598 मीटर यह काराकोरम रेंज में स्तिथ है
Q ;- 8 भारत के पडोसी देश में से कोन सा देश सबसे छोटा है
ANS ;- मालद्विप / लेकिन अफगानिस्तान को मन जाता है
Q ;- 9 भारत का सबसे बड़ा बाडर है
ANS ;- बांग्लादेश
Q ;-10 भारत में कितने बाडर है
ANS ;- सात देश
Q ;- 11 भारत की भूमि सीमा कितनी है
ANS ;- पूर्व और पश्चिम तक अधिकतम चोदाई 2933 km है जबकि लम्बाई 15200 km है
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- भारत की नदियाँ GK Questions SET 2 यहा देखे
हेलो दोस्तों आज हमने यह लेख आपके लिए बनाया है इस लेख में हमने आपको भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणियां एवं पहाड़ियों के नाम से सम्बंधित सभी जानकारी को आपके सामने रखा है इस लेख में हम भारत के प्रमुख पर्वत श्रेणियां एवं पहाड़ियों के नाम famous mountains in india भारत की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं| विंध्याचल पर्वत श्रेणी सतपुड़ा पर्वत की सभी जानकारी को देखेंगे
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