मध्य प्रदेश की भील जनजाति - bheel tribes details in hindi
हेलो दोस्तों नमस्ते में आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी आपके सामने लेकर आ रहा हु इस लेख में आप मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण जनजाति भील जाती के बारे में हम इस लेख में सर्वधिक जानकारी को देखेंगे जिससे आपको यह लेख सभी प्रतियोगिता परीक्षा में बहुत ही सहायक रहेगा आप इस लेख के मध्य से मध्य प्रदेश की भील जनजाति - bheel tribes details in hindi से सम्बंधित सभी जानकारी को देखेंगे .
भील जनजाति कहां पाई जाती है
भील जनजाति
मध्य प्रदेश में 2011 की जनगणना के अनुसार भील जाति की जनसंख्या 59.9 लाख है जो कल अनुसूचित जनजाति जनसंख्या का 39.01% है।
भील शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के भील शब्द से मानी जाती है लेकिन बहुत से लोगों का यह भी मानते है कि इस शब्द की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा के बिल शब्द से हुई है । जिसका अर्थ होता है धनुष इस शब्द का उपयोग भील जाति के अंतर्गत किया जाता है।
भीलो की कोई अपनी मूल भाषा नहीं है यह निर्णय करना भी कठिन है कि यह लोग पॉल अथवा द्रविड़ जनजाति के समूह के लोग हैं।
प्राचीन समय में भील और राजपूतों में विवाह संबंध होते थे इसी से भिलाला जाती बनी ऐसा लोगों का मानना है औरंगजेब के काल में कुछ भील लोगों ने इस्लाम धर्म भी अपनाया है यह तदभी के नाम से जाने जाने लगे ।
महत्वपूर्ण तथ्य ;- भील जनजाति की उत्पत्ति क्या है
1;- भील शब्द की उत्पत्ति द्रविड़ भाषा के बिल शब्द से हुई है
2;- प्राचीन काल में भील और राजपूत में सम्बन्ध होते है जिससे भिलाला जाती बनी .
3 ;- ओरंगजेब के समय कुछ भील ने धर्म परिवर्तन किया था वह तदभी कहलाये .
भील जनजाति के प्रमुख देवता कोन है
- भील जनजाति का सबसे बड़ा देवता राजपंथा माना जाता है
- भील जाति के यहां पर पहाड़ बंद पानी अथवा सभी फसल के अलग-अलग देवता माने जाते हैं
- भील जाति में जानवरों में विशेष रूप से घोड़े को श्रद्धा करते हैं तथा सर्प की पूजा करते हैं।
भील जनजाति की जीविका का साधन
- भील जाति के लोगों की जीविका का मुख्य साधन खेती होता है
- 2011 की जनगणना के अनुसार भीम 53.8 प्रतिशत काश्तकार का काम करते हैं
- भील जाति के लोग मुर्गी का भी पालन करते हैं
- भील जाति का मुख्य धंधा लकड़ी काटकर बेचने का होता है
- भील जनजाति के एक तिहाई लोग खेती मजदूरी के रूप में काम करते हैं
- भील जाति के लोग बकरी और गाय को भी पालते हैं
- भील जाति के लोग मुर्गी पालन मछली पकड़ना तथा पेड़ो से फल आदि एकत्रित करना मुख्य कार्य होता है।
भील जनजाति की विवाह पद्धति
- भील जाति गोत्र में विभाजित है
- एक समान गोत्र वाले व्यक्ति के साथ विवाह नहीं किया जाता था
- भीलों में विवाह के समय वधु का मूल्य चुकाना पड़ता है
- भीलों में विधवा विवाह की प्रचलित है
भील जनजाति के अस्त्र और शास्त्र
- भीलों का परंपरागत शस्त्र धनुष बाण होता है
- वाहन चलाने में यह लोग निपुण माने जाते हैं
- अपनी सुरक्षा के लिए भील जाति के लोग तलवार और धारिया भी रखते हैं।
- भील जाति के लोग गिलोल चलाने में अपने आप को निपूर्ण मानते है
भील जनजाति के गहने - भील जनजाति की वेशभूषा
- भील जाति का मुख्य पहनावा धोती बंदी और पगड़ी होता है
- भील जाति की स्त्रियां घाघरा चोली तथा ओढ़नी पहनती है
- भील जाति की स्त्रियां चटक रंगों के कपड़े पहनती है
- भील जाति की स्त्रियां अंगरखा नामक वस्त्र पहनती है
- भील जाति की स्त्री और पुरुष दोनों ही आभूषण पहनते हैं
- भील जाति की कई स्त्रियां सर से पेर तक आभूषण पहने दिखती है
- भील जातियों में चित्र बनवाना या गुदवाना बहुत ही प्रचलित है
भील जनजाति का पर्व
- भील जातियों के द्वारा होली के समय किया जाने वाला भगोड़े नृत्य बहुत ही दर्शनीय होता है
- भील जातियों द्वारा भगोरिया नृत्य में विवाह के संबंध तय किए जाते हैं।
- होली के समय पर विवाह का एक दिलचस्प प्रकार गोल गधेड़ा लोक नृत्य के रूप में आयोजित किया जाता है।
- भीलों का प्रणय पर्व भगोरिया माना जाता है
- भीलों का महत्वपूर्ण त्योहार झाबुआ में आयोजित किया जाता है
भील जनजाति का निवास क्षेत्र
- भील जाति के लोग लोग जादू टोना छुआछूत पर विश्वास करते हैं
- भीलों के मकान चौकोर होते हैं
- उनके मकान नीचे मिट्टी तथा पत्थर की दीवारें होती हैं
- ऊपर से मिट्टी और गोबर का लेप होता है
- उनके मकान की छत वांस से डलवा बनी हुई होती है
- भीलों के मकान में केवल एक छोटा दरवाजा होता है
- भीलों के मकान में खिड़कियां नहीं होती है।
- भील जाती अपने निवास स्थल को फाल्या कहते हैं।
- भील जाती अपने मकान को [ कू ] कहते हैं
भील जनजाति के लोगो का शारीरिक बनावट
- भील जाति के लोग भूरे से गहरे रंग के होते हैं।
- यह लोग मध्यम कद के होते हैं
- भील जाति के लोग हस्त पुष्ट तथा सुगठित शरीर के होते हैं।
- इस जाती के लोग बहुत ही ईमानदार तथा सच्चे होते हैं।
- यह जाति के लोग अपमान तथा अपशब्द सहन नहीं कर पाते हैं
भील जनजाति का सामाजिक जीवन - भील जनजाति के सामाजिक रीति-रिवाज
- भीलों का गांव एक सामाजिक इकाई के रूप में होता है।
- भील जाति में गांव के वरिष्ठ लोग जनसाधारण की समस्याओं का निदान भी करते हैं।
- भील जाती की भाषा इंडो आर्यन परिवार की एक बोली है
- भील जाति के लोग स्थानी मराठी तथा गुजराती शब्द को जानते हैं
- भीलों के गांव बिखरे हुए आदिवासी होते हैं
- उनके घर दूर-दूर बने होते हैं।
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1 ;- भील जनजाति के लोक क्या खाते है
ANS ;- भील जनजाति के लोग बाजरा खाते है
2;- भील जानती का निवास / भील जनजाति कहा पाई जाती है
ANS ;- भील जनजाति के लोग राजस्थान , महाराष्ट्र , गुजरात , मध्य प्रदेश , और त्रिपुरा में पाए जाते है
3 ;- भील जनजाति के लोग किस्मे निपूर्ण थे
ANS ;- भील जनजाति के लोग तीर कमान में बहुत ही निपूर्ण थे
4 ;- भील जनजाति के लोग किस वंश से माने जाते है
ANS ;- भील जनजाति के लोग विहिल वंश के माने जाते है
5 ;- भील जानाति में बिलु का अर्थ क्या होता है
ANS ;- कमान होता है
6 ;- भारत का सबसे बड़ा आदिवासी समूह है
ANS ;- भील जनजाति
7;- भील जनजाति का भोजन क्या है
ANS ;- मक्का की रोटी , बैंगन का भरता , धनिया - लहसुन की चटनी , गुड का प्रयोग करते है
8 ;- भील जनजाति का प्रमुख त्यौहार कोन सा है
ANS ;- भगोरिया नृत्य
9 ;- भील जनजाति के लोग का रीती रिवाज क्या है
ANS ;- भील जनजाति के लोग भगवान् शिव और दुर्गा माँ की पूजा करते है वे जंगल के देवताओ और बुरी आत्माओं को खुश करते है वे लोग संगीत प्रेमी भी होते है .
10 ;- भील जनजाति किस लिए जाने जाते है
ANS ;- भील जनजाति पिथोरा पेंटिंग के लिए भी जाने जाते है
12 ;- भील जनजाति का पारम्परिक लोक नृत्य कोन सा है
ANS ;- भील जनजाति का पारम्परिक लोक नृत्य घुमरू है
13 ;- भील जनजाति का मुखिया क्या कहलाता है
ANS ;- भील जनजाति का मुखिया गमेती कहलाता है
14 ;- भील जनजाति कोनसी है
ANS ;- भील जनजाति 2011 की जनगणना के अनुसार
इस लेख में हमने आपके लिए भील जनजाति से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जाकारी को आपके सामने रखा है जिससे के यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी रहेगा यह लेख किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है मध्य प्रदेश की भील जनजाति bheel tribes details in hindi भील जनजाति की विवाह पद्धति भील जनजाति के सामाजिक रीति-रिवाज भील जनजाति मध्यप्रदेश भील जनजाति की विशेषता से सम्बंधित जानकारी है
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