Saurmandal ka chitra hindi mein-सौरमंडल की जानकारी
सोरमंडल - सौरमंडल का चित्र नाम सहित
प्राय ऐसा माना जाता है कि ब्राह्मण की उत्पत्तिआज से लगभग 15 वर्ष पूर्व बिग बैग की घटना से हुई
असंख्या तारों के समूह को आकाशगंगा गैलेक्सी कहते हैं हमारा सौरमंडल जिस आकाशगंगा में स्थित है उसे मंदाकिनी कहते हैं यहां सर पिलाकर है सपिलाकार है
सेंट्ररस सर सबसे बड़ा ज्ञान तारामंडल है
पृथ्वी के निकटतम तारे कृमश सूर्य एवं पोविसमा सेंचुरी है सेंचुरी साइरस सबसे चमकीला तारा है
क्षुद्रग्रह मंगल एवं बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के बीच पाए जाने वाले छोटे-छोटे आकाशीय पिंड है जैसे फॉरवेस्टा
धूमकेतु यह गैस एवं धूल के संग्रह होते हैं जो आकाश में लंबी चमकदार कुछ पूछ सहित प्रकाश के चमकीले गोले के रूप में दिखते हैं जैसे हेली धूमकेतु
उल्का ये क्षुद्र ग्रहों के टुकड़े तथा धूमकेतु द्वारा पीछे छोड़े गए धूल कणों है
उपग्रह चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र ग्रह है जो पृथ्वी के चारों ओर दीर्घवृत्ति कक्षा में चक्कर लगाता है
सौर मंडल
सूर्य तथा उसके चारों और परीभ्रमण करने वाले ग्रह उपग्रह धूमकेतु उल्का पिंडों एवं चंद्र ग्रहो के संयुक्त रूप से सौरमंडल कहा जाता है
सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रह की संख्या 8 है
आकाश के अनुसार ग्रह घटते क्रम में बृहस्पति शनि अरुण यूरेनस वरुण नेपच्यून पृथ्वी शुक्र मंगल तथा बुध
सूर्य से दूरी के अनुसार ग्रह है बुध शुक्र पृथ्वी मंगल बृहस्पति सैनी अरुण यूरेनस तथा वरुण नेपच्यून
बुध यह सबसे छोटा ग्रह है यह सूर्य की प्रक्रिया 88 दिनों में पूरी करता है इसका कोई उपग्रह नहीं है
शुक्रिया हा सबसे अधिक चमकीला ग्रह है जिससे भोर का तारा या सांझ का तारा भी कहा जाता है यह सूर्य की प्रक्रिया 25 दिनों में पूरी करता है इसका कोई उपग्रह नहीं है
पृथ्वी यह कार में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है जिसकी आकृति गोलाभ है जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है आकाश बनावट की दृष्टि से पृथ्वी समना है तथा अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है पृथ्वी 365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकंड में सूर्य की परिक्रमा पूरी करती है
मंगल इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है इसके दो ग्रह हैं फोबोस तथा डिवोर्स इसे सूर्य की प्रक्रिया करने में 68 7 दिन लग जाते हैं
बृहस्पति यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है जो सूर्य की प्रक्रिया 11, 9 वर्ष में पूरी करता है इस के उपग्रहों की संख्या 79 है जिसमें गेनीमीड सबसे बड़ा उपग्रह है
शनि यह आकार में सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है यहां आकाश में पीले तारे के समान नजर आता है यह सूर्य की परिक्रमा 29.5 वर्ष में पूरी करता है इस के उपग्रहों की संख्या 82 है
अरुण यहां सूर्य से सातवा और आकार में तृतीय ग्रह है यह अपनी धुरी पर 10 पॉइंट 8 घंटे में घूमता है जबकि सूर्य के चारों ओर 4 वर्ष में घूमता है इसके ज्ञान उपग्रहों की संख्या 27 है
वरुण यह सौरमंडल का चौथा सबसे बड़ा तथा सूर्य से दूरी के अनुसार आठवां ग्रह है यह सबसे ठंडा ग्रह है तथा यहां वर्ष दीर्घ दम होता है यहां सूर्य की परिक्रमा 164 पॉइंट 8 वर्ष में करता है इसके भाव की संख्या 13 है
पृथ्वी की गतियों
पृथ्वी एक गतिशील पिंड है जिसकी दो गतियां घूणन गति तथा परिक्रमा गति है , घूर्णन गति दैनिक गति
पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है जिसके कारण दिन और रात होते हैं पवन एवं समुद्री धारा की दिशा में परिवर्तन होता है एवं समुंद्र में ज्वार भाटा आता है
परिक्रमण गति वार्षिक गति
पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है पृथ्वी की इस परिक्रमा का मार्ग वामावर्त counter clockwise है यह मार्ग दीर्घवृत्तिय Elliptical है
पृथ्वी की परिक्रमा का मार्ग दीर्घ वृत्त होने के कारण पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी वर्ष भर एक सामान नहीं रहती आधा 3 जनवरी को सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी अपेक्षाकृत कम 1470 लाख किमी होती है जिससे उपसोर perihelion कहते हैं जबकि 4 जुलाई को पृथ्वी सूर्य से अपेक्षितया
अधिक दूर होती है वन फाइव 1521 लाख
किमी इसको अपसौर aphelion कहते हैं
ग्रहण
ग्रहण eclipse का अर्थ खगोलिए पिंड के अंधकारमय हो जाने से हैं जो कि किसी अन्य खगोलीय पिंड के उस खगोलीय पिंड के प्रकाश मार्ग में आने के कारण होता है
चंद्रग्रहण।
जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तो सूर्य की संपूर्ण रोशनी चंद्रमा पर नहीं पढ़ पाती है इसे चंद्रग्रहण lunar eclipse कहते हैं
चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा full moon की यात्रा में ही होता है
1 वर्ष में अधिकतम 3 बार चंद्र ग्रहण लगता है चंद्रग्रहण आशिक या पूर्ण हो सकता है
सूर्य ग्रहण
जब चंद्रमा सूर्य एक पृथ्वी के बीच होता है तब सूर्य ग्रहण solar eclipse होता है
पूर्ण सूर्यग्रहण केवल अमावस्या New moon को होता है
डायमंड रिंग की घटना पूर्ण सूर्य ग्रहण के दिन होती हैं
सौरमंडल में ग्रहों का क्रम
बुध गृह
- यह सूर्य का सबसे नजदीक का गृह है
- यह सबसे छोटा और हल्का ग्रह है इसका कोई उपग्रह नहीं है
- इसमें चुंबक क्षेत्र पाया जाता है
- यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में तय करता है
- यहां पर दिन अति गर्म हवा राते बर्फीली होती है
- इसका दिन में तापमान 600 डिग्री सेल्सियस होता है और रात में इसक तापमान - 173 डिग्री सेल्सियस होता है
शुक्र ग्रह
- Yah Prithvi ka nikattam sabse chamkila aur sabse garm grah hai।
- इसे सांझ का तारा या भोर का तारा भी कहा जाता है।
- यह ग्रह अन्य ग्रहों की विपरीत दक्षिण भारत दिशा में चक्रण करता है
- इसे पृथ्वी की भगिनी ग्रह भी कहते हैं
- इसके पास कोई उपग्रह नहीं है
ब्रहस्पति ग्रह
- यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है
- इन्हें अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में सबसे कम 10 घंटे का समय लगता है
- सूर्य की परिक्रमा करने में 12 वर्ष का समय लगता है
- बृहस्पति का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 1000 वा भाग है
- यह उपग्रह पीले रंग का सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है।
मंगल ग्रह
- इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है।
- इसका रंग लाल आयरन अक्षय के कारण होता है
- इसके दिन का मान एवं अक्ष का झुकाव पृथ्वी के समान होता है
- या अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक बार पूरा चक्कर लगाती है
- किस क दो उपग्रह है फोबोस और डिमोस है
- सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 687 दिन लगते हैं
शनि ग्रह
- यह आकार में दूसरा बड़ा ग्रह माना जाता है
- इसके चारों ओर वलय पाया जाता है
- यह आकाश में पीले तारे के समान दिखता है
- यह ग्रह जल में तैरने वाला ग्रह माना जाता है
- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है जो सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।
अरुण
- यह आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है इसका तापमान लगभग -215 डिग्री c
- इसकी खोज 1781 में विलियम हर्षेल द्वारा की गई थी
- यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर दक्षिणावर्ती घूमता है
- यह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा दिखाई पड़ता है
- इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है
- इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनियम है
वरुण ग्रह
- इसकी खोज 1846 में जर्मन खगोल जहान गाले ने की थी
- Nai khagoli vyavastha mein yah Surya ke sabse dur sthit grah hai
- इसके चारों और अति शीतल मीथेन इनका बादल छाया हुआ है
- इसके उपग्रहों में ट्राइटन प्रमुख है
पृथ्वी
- पृथ्वी आकार में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है
- पृथ्वी का अक्ष उसके कक्षा तल पर बने लंबवत 23 सही एक बटे दो अक्ष पर झुका हुआ है। 23 डिग्री 30 झुका है
- सौरमंडल का यह एकमात्र ग्रह है जहां पर जीवन संभव है इसका एकमात्र उपग्रह चंद्रमा है
- इसका विश्वती ब्यास 12756 किलोमीटर है और रूबी व्यास 12713.6 km है। दोनों बहनों का अंतर 43 किलोमीटर है
- सूर्य से पृथ्वी की दूरी 149.6 मिलियन किलोमीटर है ।
- यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किलोमीटर प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकेंड में एक चक्कर पूरा लगाती है
- पृथ्वी की इस गति को * या दैनिक गति कहते हैं इस गति से दिन रात होते हैं ।
- आकार एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है
- जल की उपस्थिति के कारण से नीला ग्रह कहा जाता है
- Surya ke bad Prithvi ke sabse nikat ka Tara proxima centuri hai।
- सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रॉक्सिमा सेंचुरी है ।
0 Comments