चंद्रयान-3 मिशन क्या है - Chandrayaan 3 Mission
चंद्रयान-3 मिशन क्या है
चंद्रयान 2 की असफलता
यह मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है क्योंकि पिछला मिशन सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण साप लेडी के प्रयास में असफल हो गया था साथ ट्रेडिंग का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था। इस मिशन को पूरा करने के लिए चंद्रयान 3 मिशन को लांच किया गया .
चंद्रयान का समय
चंद्रयान-3 को लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से किया गया है यह 14 जुलाई 2023 को शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 को यह हुआ था यह ज्ञात चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार 8 ;30 को उतरा
चंद्रयान 3 मिशन के उद्देश्य
1 ;- लेंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लोडिंग करना। और जानकारी को देना
2 ;- चंद्रमा पर प्राकृतिक क्षमताओं का अवलोकन को प्रदर्शन करना है। वहा की जानकारी को देखना
3 ;- चंद्रमा की सतह को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्व मिट्टी पानी आदि का वैज्ञानिक प्रयोग करना।
चंद्रयान 3 मिशन क्या है
मिशन के मुताबिक CHANDRAYAAN-3 के उद्देश्य हैं।
विक्रम ब्लेंडर की सॉफ्ट लेडिंग
26 किलोग्राम बजन वाले यह 14 दिन तक चाँद की सतह पर उतरेगा
चंद्रमा पर वैज्ञानिक परीक्षण करना।
चंद्रयान 3 चंद्रमा पर क्या करेगा।
एक बार जब चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक रबर तैनात करेगा तो इसरो वैज्ञानिक ने कहा है कि वह चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों की संरचना के बारे में अधिक जानने के लिए 14 दिनों तक प्रयोग की एक श्रृंखला चलाएगा .यह माना गया है की 14 दिन तक सूर्य की रौशनी चंद्रमा पर पड़ेगी . जिससे विक्रम ब्लेंडर को इससे सूर्य से उर्जा प्राप्त होगी . 14 दिन की अपनी यात्रा में वह चंद्रमा की सभी जानकारी को प्रथ्वी पर पहुचायेगा . जिससे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ और खनिजों का भंडार होने की उम्मीद है।
चंद्रयान -3 की स्पीड कितनी है
23 अगस्त को जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर आगे बढ़ना शुरू करेगा उस वक्त उसकी गती 1.68 किलोमीटर प्रति सेकंड यानी 6048 प्रति घंटा होगी। और फिर जैसे जैसे वह चाँद के नजदीक पहुचता जायेगा उसकी गति और बढती जाएगी
CHANDRAYAAN-3 किसने बनाया था।
यह इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ और उनकी टीम ने इसे बनाया था जिसमें चंद्रयान तीन परियोजना निदेशक और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ( VSSC ) के निर्देश भी शामिल है।
चंद्रयान -3 क्यों लॉन्च किया गया है।
भारत में अपना तीसरा चंद्रमा मिशन लांच किया है जिसका लक्ष्य सबसे पहले अपने कम खोजे गए दक्षिण ध्रुव के पास उतरना है।
चंद्रयान 3 के रोवर का क्या नाम है
चंद्रयान-3 के कैलेंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान है।
CHANDRAYAAN-3 का नेतृत्व किसने किया था।
इस मिशन का नेतृत्व भारत की रॉकेट महिला रितु करीधल श्रीवास्तव कर रही है
चंद्रयान 3 का खर्च कितना है
चंद्रयान-3 के मिशन का वित्तीय बजट 615 करोड रुपए या 75 मिलियन डॉलर है।
चंद्रयान-3 के क्या फायदे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के इस तीसरे मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर पानी के साक्षी के निर्णायक रूप से खोज करने वाला पहला मिशन बना है साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाना है
CHANDRAYAAN-3 को कहां से लांच
किया गया है
चंद्रमा पर चंद्रयान आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया था।
भारत वर्ष का गर्व 23 अगस्त 2023
- चंद्रयान -3 का सफलता पूर्वक लैंडिंग
- चाँद पर बड़े -बड़े गड्डे
- चंद्रयान 3 ने पहला चरण सफलता पूर्वक तय
- विक्रम लेंडर की चाँद पर ग्रेंड लेंडीग
- इसरो को सलाम चंद्र्विजय से बड़ा देश का मान
- चाँद के दक्षिणी द्रुव पर आज तक कोई नहीं पंहुचा
- दक्षिणी द्रुव पर पहुच कर कारा और लासा दोनों
- लेंडर की उचाई की गणना
- यहाँ ठण्ड बहुत होती है
- भारत चवथा देश बना चंद्रमा पर उतरने बाला
- 14 दिन तक विक्रम लेंडर चाँद पर रहेगा .
- 14 दिन तक सूर्य से रौशनी मिलती रहेगी .
चंद्रमा के दक्षिणी द्रुव पर क्या
सूर्य की रौशनी कई हिस्से तक नहीं पहुचती है
चंद्रमा की परत की आवरण की जाँच .
चंद्रमा की सतह पर घूम कर रिसर्च
सतह पर तत्व और गुणों की पहचान
मिटटी चट्टानों में योगिक की पहचान
प्लाज्मा घनत्व की पहचान
चंद्रमा की सतह के तापीय गुणों का अध्यन
लेंडिग स्थल पर भूकंपीय गतिविधियों की पहचान
LVM3 से चंद्रयान 3 का परिक्षण
चंद्रमा की दक्षिणी द्रुव पर पहुचने बाल पहला देश
0 Comments